केंद्र सरकार ने हाल ही में पुरानी और नई पेंशन योजनाओं के बीच चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर एक संयोजन पेंशन योजना की शुरुआत की है। Unified Pension Scheme (यूपीएस) के आने के बाद यह सवाल उठता है कि नई पेंशन स्कीम आखिरकार क्या है और यह पुरानी पेंशन स्कीम से कितनी अलग है। इसके साथ ही, यह भी समझने की जरूरत है कि इस योजना में कौन-कौन सी समस्याएँ थीं, जिनके कारण इसका विरोध किया जा रहा था। तो आइए, इस विषय पर विस्तार से बात करते हैं…
नई पेंशन योजना क्या है?
क्या है ओल्ड पेंशन योजना ?
ओपीएस और एनपीएस में अंतर क्या है?
- नई पेंशन योजना के तहत, कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत, यानी बेसिक और डीए का एक हिस्सा काटा जाता है। इसके विपरीत, पुरानी पेंशन योजना में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती।
- नई पेंशन योजना (NPS) में छह महीने बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता शामिल नहीं होता है, जबकि पुरानी पेंशन योजना (OPS) में यह सुविधा उपलब्ध होती है।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा शामिल है।
- जहां एक ओर NPS के तहत रिटायरमेंट के समय मिलने वाली राशि पर शेयर बाजार की स्थिति के आधार पर टैक्स लग सकता है, वहीं दूसरी ओर, पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद GPF पर मिलने वाले ब्याज पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है।
Unified Pension Scheme: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट ने केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के लिए एक नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को हरी झंडी दी है। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी और इससे लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। पीएम मोदी ने इस योजना को कर्मचारियों की “गरिमा और वित्तीय सुरक्षा” को सुनिश्चित करने वाला कदम बताया है। उन्होंने X पर पोस्ट कर यह भी कहा कि उन्हें देश की तरक्की में अपना योगदान देने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर गर्व है।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अब UPS और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के बीच अपनी पसंद के अनुसार चयन कर सकेंगे। इसके साथ ही, वर्तमान में NPS के सदस्य भी UPS में स्विच कर सकते हैं। इसके अलावा, राज्य सरकारें भी भविष्य में इस योजना को लागू करने का निर्णय ले सकती हैं। आइए अब इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।